वो समय था यार का |
दोस्त तेरे साथ जिंदगी निराली थी
दोस्त तेरे साथ जिंदगी निराली थी
ना कल की फिकर ना गम का साया था
तुमने ही तो जीना सिखलाया था|
वक्त की कमी न थी
ना कल की फिकर ना गम का साया था
ना कल की फिकर ना गम का साया था
यारों की यारी में सब कुछ पाया था|
सब्जी का झोला नहीं बोतलों का बैग पकड़ाया था
सब्जी का झोला नहीं बोतलों का बैग पकड़ाया था
रह गई कमी थी जब तो कपड़ों में डलवाया था
यारा तेरी यारी में बड़ा मजा आया था|
जूते चप्पलों से जन्मदिन तुमने बनाया था
सूर्य को नमन कर सोना तुमने ही सिखलाया था
सूर्य को नमन कर सोना तुमने ही सिखलाया था
यारा तेरी यारी में बड़ा मजा आया था|
परीक्षा से पहले पूरी रात जगाया था
परीक्षा से पहले पूरी रात जगाया था
खुद से पहले मुझको पढ़ाया था|
मिली ना गर्लफ्रेंड जब कोई
मिली ना गर्लफ्रेंड जब कोई
तब कितनों को भाभी बनाया था
यारा तेरी यारी में बड़ा मजा आया था|
मार्गदर्शक बनके तुमने
मार्गदर्शक बनके तुमने
ढाबा का रास्ता दिखलाया था
बिल बन गया जब ज्यादा
तो खाते में चढ़वाया था
यारा तेरी यारी में बड़ा मजा आया था |
यारा तुमने ही तो गम में
यारा तुमने ही तो गम में
हंसने का पाठ पढ़ाया था
ना पी सका जब कोई , तो उसको चखना चखाया था
यारा तेरी यारी में बड़ा मजा आया था |
वह गंदी बिस्तर की नींद कुछ खास थी
गोला बनाकर चियर्स करने की अलग बात थी
गालियों में भी प्यार था
वो समय था यार का |
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इस लेख के भीतर व्यक्त की गई राय लेखक की व्यक्तिगत राय है और इस लेख का उद्देश्य किसी की भावना को ठेस पहुंचाना या बुरी आदतों को बढ़ावा देना नहीं है।
Beautiful mast poem
Gajab cha gaye guru…