May 2021

छाया जीवन में

छाया जीवन में

छाया जीवन में अपने पैर पर हम कुल्हाड़ी मारते जा रहे हैकाट रहे है हम उस बेजुबान कोजो हमारी सांसे चला रहे है । जिसने सिचा इस जीवन कोजिसने छाया दिया इस तन कोकाट दिया हमने उस वन कोजला दिया हमने उपवन को। पाप बहुत किये है हमनेशहर बसाने,जंगल जला दिया हमने।लालच में न सोचा …

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वो समय था यार का हिंदी कविता

वो समय था यार का

वो समय था यार का | दोस्त तेरे साथ जिंदगी निराली थीदोस्त तेरे साथ जिंदगी निराली थीना कल की फिकर ना गम का साया थातुमने ही तो जीना सिखलाया था| वक्त की कमी न थीना कल की फिकर ना गम का साया थाना कल की फिकर ना गम का साया थायारों की यारी में सब …

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