कमाने लगा- हिंदी कविता / Hindi Poem
अच्छा हुआ कमाने लगा,
रिश्तेदार, दोस्त का खबर भी आने लगा।
रुख हवा का ऐसा बदला,
बेरोजगार से रोजगार हो गया।
अच्छा हुआ कमाने लगा।
पराया भी अपना कहने लगे,
देश क्या विदेशो से भी फ़ोन आने लगे।
गर्लफ्रेंड के पिता जी अदब से पेश आने लगे,
बेटा कहकर बुलाने लगे।
अच्छा हुआ कमाने लगा।
घर-घर मेरी चर्चा होने लगी,
भाभी मुस्कुरा कर बात करने लगी।
अच्छा हुआ कमाने लगा।
मोबाइल का रिंग बजने लगा ,
बधाई का मैसेज आने लगा।
अच्छा हुआ कमाने लगा।
लड़की वाले घर आने लगे,
मेरे तारीफ का पुल बांधने लगे।
रिश्ता हर कोई जोड़ने लगा,
कोई भाई, तो कोई भतीजा कहने लगा।
अच्छा हुआ कमाने लगा।
मेरी बात सब सुनते है,
भइया, सर जी मुझे कहते है
जो मै कह दू वही समझते है।
आम को भी इमली लोग कहने लगे,
मेरी हा में हा मिलाने लगे।
अच्छा हुआ कमाने लगा।
माँ, बाप का सपना साकार हो गया,
उनका नालायक अब लायक हो गया।
मेरे भी कुछ अरमान पूरे होने लगे,
खाली बटुए में पैसे आने लगे।
मेरा भी सीना चौड़ा हो गया,
मै भी आत्मनिर्भर हो गया।
अच्छा हुआ कमाने लगा
कमाने लगा- हिंदी कविता …शम्भू कुमार के कलम से..
यह भी पढ़ें:-वो समय था यार का