राह दिखाओ-हिंदी कविता

India

राम,कृष्ण अल्ला के बंदे

लगी आग को शीघ्र बुझाओ|

धुआँ देश के हर कोने में

कैसीजिद कैसी कुर्बानी

पनप रही अनबूझ समस्या

सर से ऊपर बहता पानी

मिट ना जाए अस्तित्व देश का

ऐसी सहज तरकीब सुझाओ|

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 शहर जल रहे उचित समय क्या

 न्यायपालिका स्वयं अचंभित

 नीति,अनीति प्रीति दोमुंही

 देश का चिर आदर्श है खंडित|

विश्व बंधुत्व के हम हैं अगुआ

जग जानो यह नीति निभाओ|

 भारत अद्भुत देश महान

 सभी हमारी ओर ताकते

 देख धुआं दुश्मन खुश खुश है

 हंस-हंसकर अलाव तापते|

क्रोध,घृणा,घमंड मिटे अब

कर्णधार को राहत दिखाओ

रामकृष्ण अल्लाह के बंदे

लगी आग को शीघ्र बुझाओ|

लेखक लालसा लाल तरंग

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