नया सवेरा – हिंदी कविता / Hindi Poem
काली बादलों से घिरी धरती फिर मुस्कुराएगी
दोस्तों की खिलखिलाहट वादियों में गुंगुनायेगी |
काली घटा कब तक सूर्य का ताप रोक पाएगी
आत्मविश्वास से भरी दुनिया नया सवेरा लाएगी |
माना दोस्तों का चियर्स, गुदगुदी कर जाता है
गोलगप्पे का स्वाद मन ललचाता है |
माना भीड़ की शोर शांत सो गयी
पड़ोस की ग्राउंड वीरान हो गयी|
चिंटू का बल्ला किसी कोने में सोया है
बहुतो ने आपनो को खोया है|
पर कब तक छटटान नदी की धरा रोक पायेगी
नीरस पड़ी धरती फिर मुस्कुराएगी|
आत्मविश्वास से भरी दुनिया नया सवेरा लाएगी |
हम फिर हाथ पकड़ पार्को में मंडराएंगे
इश्क़ से इश्क़िया फरमाएंगे|
महिलाओं की पंचायत गलियों की शोभा बढ़ाएगी
पिंटू की पतंग आकाश में फिर लहरायेगी |
फ्राइडे नाईट का फिर होगा बोलबाला
जब मिलेंगे सब दोस्त खिल उठेगा मधुशाला |
चाय पे चर्चे की फिर होगी सुरुआत
कांग्रेस बनाम बीजेपी की होगी बात|
आईपीएल सोनी टीवी पे आएगा
CSK फिर फाइनल में पहुंच जायेगा |
चिंटू का बल्ला चौके-छक्के से करेगा बात
अच्छे दिन की फिर होगी शुरुआत|
हमने चाँद पे घर बनाया है
विघ्नो को गले लगाया है
हमे वायरस क्या हराएगा
जितने आया था,हार चला जायेगा|
Great 🙂
धन्यवाद्
Excellent
Good…!!!
Thanks
Very excellent very good very nice awsome poem
Thanks Shambhu
Great bhai…
Bahut hi sundar chhand hai..