poem-कविता

There was a brilliant dialogue from the movie Dead poet society. It says “We read and write poetry because we are members of the human race. And the human race is filled with passion. And medicine, law, business, engineering, these are noble pursuits and necessary to sustain life. But poetry, beauty, romance, love, these are what we stay alive for”.

This category is for that purpose, for poetry, beauty, romance and love.

hindi poem

किसान है क्रोध-हिंदी कविता

निंदा की नज़रतेज हैइच्छा के विरुद्ध भिनभिना रही हैंबाज़ार की मक्खियाँ| अभिमान की आवाज़ हैएक दिन स्पर्द्धा के साथचरित्र चखती है| इमली और इमरती का स्वादद्वेष के दुकान परऔर घृणा के घड़े से पीती है पानी| गर्व के गिलास मेंईर्ष्या अपनेइब्न के लिए लेकर खड़ी हैराजनीति का रस| प्रतिद्वन्द्विता के पथ परकुढ़न की खेती काकिसान …

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नया सवेरा – हिंदी कविता hindi poem

नया सवेरा – हिंदी कविता

नया सवेरा – हिंदी कविता / Hindi Poem काली बादलों से घिरी धरती फिर मुस्कुराएगीदोस्तों की खिलखिलाहट वादियों में गुंगुनायेगी |काली घटा कब तक सूर्य का ताप रोक पाएगीआत्मविश्वास से भरी दुनिया नया सवेरा लाएगी | माना दोस्तों का चियर्स, गुदगुदी कर जाता हैगोलगप्पे का स्वाद मन ललचाता है |माना भीड़ की शोर शांत सो …

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India

राह दिखाओ-हिंदी कविता

राम,कृष्ण अल्ला के बंदे लगी आग को शीघ्र बुझाओ| धुआँ देश के हर कोने में कैसीजिद कैसी कुर्बानी पनप रही अनबूझ समस्या सर से ऊपर बहता पानी मिट ना जाए अस्तित्व देश का ऐसी सहज तरकीब सुझाओ| Also Read:- https://www.fusebulbs.com/rajnetic-uthapatak/  शहर जल रहे उचित समय क्या  न्यायपालिका स्वयं अचंभित  नीति,अनीति प्रीति दोमुंही  देश का चिर …

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यह सब का हिंदुस्तान है

यह सब का हिंदुस्तान है

यह सब का हिंदुस्तान है | पढ़ना लिखना बिना लक्ष्य केदौड़ लगाना बिना लक्ष्य के ,मात्र निरर्थक ज्ञान हैयह सब का हिंदुस्तान है| निराधार ज्यामिति कब फलतीगलत सोच नित करती गलती ,हार जीत कैसा अनुमान हैयह सब का हिंदुस्तान है | जनता है सब जानती हैसही नेता पहचानती है ,खींचतान में चादर फटतीउठापटक बेजान हैयह …

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love and peace

दिलो को दिलो से मिला कर के देखो–हिंदी कविता

नफरत से सिचा है तुमने खुद को  प्रेम की बीज लगा कर के देखो कभी दिलो को दिलो से मिला कर के देखो I   नफरत की आग में बिखरी दुनिया को प्रेम की धागे से मिला कर के देखो कभी प्रेम की धरा बहा कर के देखो I   ईर्ष्या के अंधकार को छोड़ …

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