नया सवेरा – हिंदी कविता
नया सवेरा – हिंदी कविता / Hindi Poem काली बादलों से घिरी धरती फिर मुस्कुराएगीदोस्तों की खिलखिलाहट वादियों में गुंगुनायेगी |काली घटा कब तक सूर्य का ताप रोक पाएगीआत्मविश्वास से भरी दुनिया नया सवेरा लाएगी | माना दोस्तों का चियर्स, गुदगुदी कर जाता हैगोलगप्पे का स्वाद मन ललचाता है |माना भीड़ की शोर शांत सो …