poem-कविता स्वाभिमान की रोटी – हिंदी कविता Jul 25, 2021 Shambhu Kumar स्वाभिमान की रोटी | पैरो में बेड़िया है,कुछ मजबूरिया है,दिल के दर्द को समेट लिया मैंने,अपने आप को बंद कर…